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1.शुक्रिया, शशी कपूर   शुक्रिया आपको आप के मन का सच्चा अभिनेता स्वयं बच्चों के पास जा रहा है उनसे बतिया रहा है उनके मन में जो आपसे मिलने की ललक है उसे समझ कर आप का सहज व्यवहार चकित करता है आपका मन बड़ा है जो इन दिव्यांग बच्चों से जुड़ा है आपने राधा और अफजल के सर पर भी हाथ फिराया राधा शरमाई अफजल मुस्कुराया मैंने भी यहाँ आकर समय नहीं गंवाया आपको ये हमेशा याद करेंगे शुक्रिया आपको इनके मूक शब्दों में बड़ी व्यंजना है| (वर्ष -2003 में लिखी गयी ) 2.अमरजोति उमा जी की अमरजोति है या कि अमरजोति से बनी हैं उमा जी कहना कठिन है एक बार जो गया है वह प्रेरणा से भर गया है मुग्ध भाव से आपकी सेवा का फलक नए अनुभव के सोपान बनाता है आपका ये मिशन दिव्यांग बच्चों के लिए नए आसमान रचता है ये नई उड़ान का हवाई अड्डा है ये नए जलयानों का नया बंदरगाह है कुंठितों को अकुंठ करना आसान कभी नहीं रहा आपने तो पूरे देश को दिव्यांग जन की खिड़की से पुनर्सृजित करने का बीड़ा उठाया आपके प्रयास को नमन आज जो कुछ समावेशी हो सका है उसम